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Ram Ratnavali
Prem Lata Uppal
Ram Ratnavali
Prem Lata Uppal
लेखिका की कलम से तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤•ृत शà¥à¤°à¥€ रामचरितमानस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का à¤à¤‚डार है। इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ को पढ़ने व सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ अवशà¥à¤¯ ही à¤à¤µà¤¸à¤¾à¤—र से पार हो जाता है ।आज के वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ व à¤à¤¾à¤— दौड़ के जीवन में शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ को जन-जन सहजता से पà¥à¥‡, सà¥à¤¨à¥‡ और समठकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करें, उस का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• " राम - रतà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤²à¥€ " दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया है। " राम - रतà¥à¤¨à¤¾à¤µà¤²à¥€ " के दो à¤à¤¾à¤— हैं। पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤¾à¤—-"विषयनà¥à¤µà¤¾à¤° रामचरितमानस इस à¤à¤¾à¤— में रामचरितमानस में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤‚गो, घटनाओं आदि को अलग-अलग "विषय" के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है जिसे सरलता से समà¤à¤¾ जा सके। सà¤à¥€ 31 विषय उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय, महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£,जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤°à¥à¤§à¤• और रोचक हैं। पढ़ते-पढ़ते à¤à¤¸à¤¾ अनà¥à¤à¤µ करेगें कि शà¥à¤°à¥€ रामचरितमानस में इतना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और विवरण है जिसे हमने अà¤à¥€ तक जाना और समà¤à¤¾ ही नहीं। " विषयनà¥à¤¸à¤¾à¤° रामचरितमानस " को पढ़ के आप अवशà¥à¤¯ आननà¥à¤¦à¤¿à¤¤ होगें।
दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤—-"संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ व सरल रामकथा" तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤•ृत शà¥à¤°à¥€ रामचरितमानस के कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° और उसी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय संवादों के साथ "राम कथा " को सरल व रोचक रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। इस सरल रामकथा में शà¥à¤²à¥‹à¤•, छंद, दोहे, सोरठे, सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿, चौपाइयों का वरà¥à¤£à¤¨ नहीं है। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को छपवाने का कारà¥à¤¯ पूजà¥à¤¯à¤¨à¥€à¤¯ मोरारी बापू जी का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ ही किया गया। बापू का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¥à¤® पृषà¥à¤Ÿ पर दिया गया है। "जय सिया राम"।
| Media | Books Paperback Book (Book with soft cover and glued back) |
| Released | April 13, 2020 |
| ISBN13 | 9781648509131 |
| Publishers | Notion Press |
| Pages | 402 |
| Dimensions | 140 × 216 × 23 mm · 508 g |
| Language | Hindi |
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